वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२२ जनवरी, २०१७<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />बुल्ला शाह दा इश्क बखेला,<br /><br />रत पींदा गोश्त चरनदा।<br /><br />~ बुल्ले शाह<br /><br />बुल्ले शाह का प्रेम बाघ है। रक्त पीता है और गोश्त खाता है।<br />~ संत बुल्ले शाह<br /><br />प्रसंग:<br />प्रेम क्या है?<br />बुल्ले शाह का प्रेम बाघ है। रक्त पीता है और गोश्त खाता है। इस पंक्ति का क्या आशय है?<br />बाबा बुल्लेशाह किस इश्क़ की बात कर रहें है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते